देश के कर्णधारों के नाम एक आम आदमी का पत्र

उगता भारत ब्यूरो

महोदय,
आपकी सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण की सीमाएं लाँघ रही है। अगर आपको यह भ्रम है कि एक हाथ मे क़ुरआन और एक हाथ मे कम्प्यूटर देकर आप बहुत बड़ा तीर मार लेंगे, तो आपकी बुद्धि और झूठी उम्मीद पर मुझे तरस आता है। शरजील इमाम, आईआईटी से पढ़ा हुआ है, जिस लड़के मुर्तजा ने गोरखपुर मंदिर में हमला किया वह भी आईआईटी का छात्र रह चुका है, उमर खालिद भी बहुत पढ़ा लिखा छात्र है।
क्या फर्क है इनकी और आइसिस की सोच में?
इनके पास क़ुरआन और कम्प्यूटर दोनों हैं, तब भी क्या काफिरों से नफ़रत ख़त्म हो गई इनकी?
इस्लाम मे उम्मा का कन्सेप्ट है, देश का कोई कन्सेप्ट है ही नहीं। और जो भी मुसलमान काफिरों से युद्ध कर रहा है वह बेशक इस्लाम सम्मत काम कर रहा है। ये छोटा सा सत्य आपके दिमागों में क्यों नहीं घुसता।
इस मानसिकता को आप नहीं बदल सकते। पर इसके उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कार्टून प्रकरण के बाद फ्रांस कर रहा है।
अगर वास्तव में इस देश की बहुसंख्यक आबादी की आपको कुछ चिंता है, तो यही समय है वरना एक और विभाजन मुँह बाए खड़ा है।
1. आपकी केंद्रीय भाजपा सरकार ने मुख्तार अब्बास नकवी के कर कमलों द्वारा जो आईएएस की फ्री कोचिंग मुम्बई में शुरु की है। वह मेरे जैसे टैक्स पेयर के पैसे से चलेगी। मैं नहीं चाहता कि चले। तत्काल प्रभाव से बन्द कीजिये इसे। जिस संस्था ने जमकर सीएए का विरोध किया, उसी संस्था के साथ मिलकर आप फ्री कोचिंग की व्यवस्था कर रहे हैं। आपकी बुद्धि पर तरस आता है। और ये मुख्तार अब्बास नकवी ने कितने
चुनाव जीते हैं आजतक कोई बताएगा?
2. मदरसे बन्द करने की प्रक्रिया शुरू कीजिए। इतने मदरसे तो इस्लामी देशों में भी नहीं हैं, जितने भारत मे हैं।
3. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को तत्काल प्रभाव से सामान्य केंद्रीय विश्वविद्यालय घोषित किया जाए। मेरे टैक्स के पैसे से मुस्लिम तुष्टिकरण हो, यह मुझे स्वीकार नहीं। जिस विश्वविद्यालय से भारत विभाजन की पटकथा लिखी गई, उसका अल्पसंख्यक संस्थान की तरह चलते रहना देश के लिए घातक है। ब्रह्माजी ने अपनी बेटी का बलात्कार किया, विष्णु जी ने जालंधर की पत्नी तुलसी का बलात्कार किया, ये सब पढ़ाया जाता है एएमयू के मेडिकल कॉलेज में।
4. ये अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक का क्या नाटक चलाते हैं आप लोग। इस देश का सनातन धर्म किसी पर अत्याचार नहीं करता, तो क्या ज़रूरत है आबादी को बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के ठप्पों की? अल्पसंख्यक मन्त्रालय की ज़रूरत ही क्या है। जब कानून सबके लिए एक है तो किस बात की विशेष सुविधा दी जा रही है।
5. राणा अयूब के 10-12 करोड़ के घोटाले के आरोप पर जज साहब कहते हैं कि इन्हें विदेश जाने की इजाज़त देता हूँ कोई बहुत बड़ा आरोप नहीं है, जबकि जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी महीनों से हरिद्वार जेल में बन्द जमानत का इंतजार कर रहा है, मात्र एक बयान के कारण। ये इंसाफ है आपकी सरकारों में।
महोदय, समय रहते कुछ कड़े और निर्णायक कदम उठाइए। वरना संसार की ये सबसे पुरानी संस्कृति ख़त्म हो जाएगी।
विनीत
देश का एक आम आदमी
(साभार)

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