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हिंदू समाज की तरह ही इस्लाम और ईसाई जगत में भी है वर्ण व्यवस्था

आइये आपको एक बड़ा सा झूठ सुनाते हैं | बरसों से सुनते आ रहे होंगे, एक बार फिर से मेरा दोहराना भी जरूरी है | आखिर समाज में मेरा भी तो योगदान बनता है !! वर्ण व्यवस्था हिन्दू धर्म में होती है | इसाई में नहीं होती, मुस्लिम भी नहीं मानते, मतलब कुल मिला के ये पाप सिर्फ़ हम लोग ही करते है |

Knight in a shining armor सुना होगा शायद, तो भाई हर सिपाही Knight नहीं हो सकता था, उसके लिए पैदा होना पड़ता है एक ख़ास वंश में | अपनी वंशावली के दस्तावेज दिखाने पड़ते थे अगर किसी भी Tournament में हिस्सा लेना हो या युद्ध में सबसे आगे खड़ा होना हो तो | दस्तावेज कुछ वैसे ही होते थे जैसे आपने कभी गया, या बनारस, या फिर प्रयाग के ब्राम्हणों के वंशावली वाले दस्तावेज देखे होंगे |

इसके अलावा अमीर लोगों को, जमींदारों को Noble Man भी कहा जाता था, अगर आप सोच रहे हैं की अमीर होना एक मात्र शर्त थी Noble होने की तो आप फिर से गलत हैं | यहूदी कभी भी noble नहीं होता था, चाहे फिर वो King Richard को उधार / क़र्ज़ देता हो या फिर King William को इस से फ़र्क नहीं पड़ता | यहूदी अछूत और इसाई न्याय का हकदार नहीं होता था | अगर शक्स्पिअर की Merchant of Venice वाला Shylock याद हो तो आपको पता है की यहूदियों के साथ कैसा व्यवहार होता था | अगर कहीं Rebecca नाम सुना है और Walter Scott की लिखी Ivanhoe जैसी किताबें पढ़ी हैं तो आप अच्छे से जानते हैं की मैं क्या बात कर रहा हूँ |

कांग्रेस ने कई अलग अलग यूनिवर्सिटी / बोर्ड बनाये थे और ICSE या CBSE बोर्ड के छात्रों ने ये किताबें शायद पढ़ रखी होंगी |

अब जरा निचले स्तर पर आते हैं, Fool वैसा ही होता था जैसे भारतीय समाज में भांड होते हैं, नाचने गाने, दिल बहलाने वाले, थोड़े विदूषक जैसे | किसान होते थे, जिनके पास कभी अपनी ज़मीन नहीं होती थी | चरवाहा होता था भेंड़ पालने के लिए, यही छोटे सिपाही होते थे | Page वो बच्चे होते थे जिन्हें चिट्ठियां पहुँचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था, बाद में इनमे से कुछ का promotion कर के उन्हें मंत्री भी बनाया जाता था | एक Squire होता था, ये knight के सहयोगी होते थे, knight नहीं बन पाते थे लेकिन सामान्य सिपाहियों से ज्यादा सम्मानित होते थे |

अभी भी शायद आप कहना चाहेंगे की इनपे धर्म की मुहर नहीं होती थी | ये एक सामाजिक व्यवस्था है जैसी बातें आपके मन में आ रही होंगी | तो आपको फ्रांस की Joan of Arc की कहानी देखनी चाहिए | ये महिला तलवार उठा कर स्वतंत्रता संग्राम में लड़ी थी और इसे चर्च ने सलीब पे टांग के जला दिया था | इनपर इल्ज़ाम था की वो डायन है, क्योंकि उनके छूते ही घाव ठीक हो जाते हैं | उस ज़माने में Witch Hunt की लम्बी प्रक्रिया चली थी | अभी हाल में चर्च ने इन हरकतों के लिए माफ़ी मांगी है | इनके बारे में मगर बात करना पाप है | स्त्रियों को इसाई धर्म में समानता का अधिकार है | वोट देने का अधिकार ज्यादातर इसाई मुल्कों में महिलाओं को भारत के बाद मिला ये अलग बात है |

धर्म की मुहर वैज्ञानिक खोजों पर भी लगी है, चार्ल्स डार्विन की क़िताब उनकी ही यूनिवर्सिटी में प्रतिबंधित थी और गलीलियो को घोड़ों से बाँध कर उसके चार टुकड़े कर दिए गए थे |

ध्यान रहे भारतीय धर्म पिछड़े हैं और पाश्चात्य प्रगतिशील !!!
✍🏻आनन्द कुमार

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