“हँस के लिया पाकिस्तान”- कहने वालो सुनो !                              “ नहीं मिलेगा हिंदुस्तान-जाना होगा पाकिस्तान” इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार, महामन्त्री, वीर सावरकर फ़ाउंडेशन”        

   
                             ——————————————— मियाँ असदुद्दीन ओवैसी हिंदुस्तानी मुसलमानों के नये जिन्ना ने पंचम  स्वर में घोषणा की “मोदी जायेगा पहाड़ों में, जोगी जायेगा………..”तब तेरा क्या होगा ?
मियाँ असदुद्दीन ओवैसी अपने इस बयान के बारे में चाहे जो सफाई दे लें पर सच यही है कि उनका यह संदेश  हिंदुस्तान के हिन्दू समाज से है। हिंदुस्तान के हिंदू समाज को खुली चुनौती देने वाले असदुद्दीन ओवैसी से मेरा कहना है कि मियां ओवैसी कान खोल कर ठीक – ठीक समझ लो, तुम यदि यह सोच रहे हो कि हम पाँच हमारे पच्चीस से तुम हिंदुस्तान की सियासत को बदल दोगे या व बांग्लादेश से मुसलमानों को लाकर एक दिन मुसलमान हिंदुस्तान में बहुमत में आ जाएँगे और तब हमारी इस्लामिक सरकार होगी तो यह तुम्हारी भूल है । यदि तुम ऐसा सोच रहे हो कि तुम्हारी अपनी हुकूमत के समय राम मन्दिर को बाबर की तरह तोड़ कर तुम फिर बाबरी मस्जिद बना दोगे तो यह तुम्हारी और भी बड़ी भूल है ।
आज की बदली हुई दुनिया और परिवेश में तुम यह भी मत सोचो कि दुनिया के ५६ इस्लामिक देश तुम्हारे साथ हैं और वे तुम्हारे साथ मिलकर हिंदुओं को हिन्द महासागर में फेंक देंगे। मियाँ तुम्हारी इस प्रकार की सारी सोच ही मूर्खता पर आधारित है और यदि इसके आधार पर तुम हिंदुस्तान में सांप्रदायिक दंगा करवाने के लिए मुसलमानों को भड़का रहे हो तो यह तुम्हारा देशद्रोहपूर्ण कार्य अब सबकी समझ में आ रहा है।
मियां असदुद्दीन ओवैसी यदि तुम ऐसा सोचते हो कि अगले २०-३० वर्ष में तुम लोग बहुमत में आ जाओगे, तो तुम्हारी ऐसी षड्यंत्र पूर्ण मानसिकता को भी अब देश का हिंदू समाज समझ चुका है ।१९४७ से  २०११ तक ६५ वर्ष लगे हम पाँच हमारे पच्चीस व बँगलादेशी  मुसलमानों को यहाँ लाकर बसाने के बाद हिन्दुओं की तुलना में मुसलमानों की जनसंख्या दुगुनी करने में २०११ में तुम्हें २.५करोड़  १९४७ में से १५ करोड़ पहुँचने में ६५ वर्ष लगे। हिन्दुओं की रफ़्तार से तुम्हारी जनसंख्या बढ़ती तो २०११ में ७.५ करोड़ होती। हिन्दु-सिख जनसंख्या २९.४करोड़ १९४७ से २०११ में ८४ करोड़ पहुँची, यानी लगभग ३ गुना बढ़े तुम ६ गुना बढ़े। यदि २०७१ में इसी रफ़्तार से बढ़े तो ९० करोड़ होगे तब हिन्दु भी तो तीन गुना बढ़ कर २५२ करोड़ होगा। तुम्हें शताब्दियाँ लग जाएंगी बहुसंख्यक बनने में।
      मियां असदुद्दीन ओवैसी ! तुम इस बात से इनकार नही कर सकते कि पाकिस्तान को हिंदुस्तान के मुसलमानों ने बनाया।अखण्ड भारत के ९३ प्रतिशत मुसलमानों ने यह कह कर पाकिस्तान बनाया कि उनका इस्लाम मज़हब उन्हें काफिर हिन्दुओं के साथ रहने की इजाज़त नही देता। हमें इस्लामिक होमलैंड चाहिये तथा जो ७ प्रतिशत मुसलमानों ने इसके विरुद्ध वोट दिया वे तो आज के पाकिस्तान के हैं। यानी आज के हिंदुस्तान के १०० प्रतिशत मुसलमान ने पाकिस्तान बनाया। भारत के साथ गद्दारी करने वाले उन मुसलमानों को यदि आज पाकिस्तानी कहूँ तो तुम्हें आपत्ति नही होगी।
      मियाँ ओवैसी ! क्या यह सच नही कि अखण्ड हिंदुस्तान में मुसलमानों की जनसंख्या २३ प्रतिशत थी। पाकिस्तान के रूप में वे हिंदुस्तान का विभाजन करके ३० प्रतिशत मनचाही ज़मीन पूरब व पश्चिम में ले गए। पर अपनी मनचाही  होमलैंड मिलने के बाद भी पाकिस्तान गये नही। इसलिये नही गये कि बचे हुए हिंदुस्तान को मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ाकर इस्लामिक राज्य बनाना है।हम  तुम लोगो का मक़सद जानने के बाद क्या चुप बैठेंगे? तुम्हें अब कान खोलकर सुन लेना चाहिए कि आज का जागरुक हिंदू तुम्हारे इरादों को समझकर तुम्हारे द्वारा मां भारती के साथ अब किसी प्रकार की कोई गद्दारी नहीं होने देगा।
मां भारती के विभाजन के तुम्हारे इरादे अब कभी सफल नहीं हो सकते। इसके लिए हिंदू बड़े से बड़ा बलिदान देने के लिए तैयार बैठा है। क्योंकि हिंदू इस देश की मूल चेतना के साथ जुड़कर काम करना जानता है। जबकि तुमने हमेशा देश की मूल चेतना को क्षतिग्रस्त कर देश को बांटने की राजनीति की है।
आज के हालात में तुम यह नहीं सोचना चाहिए कि हिन्दु चुप बैठा रहेगा और हम अपना काम करके हिंदुस्तान को इस्लामिक राज्य में बदल देंगे। अपने इस लेख के द्वारा मैं आपको यह भी बता देना चाहता हूं कि हम लोगों ने तुम्हें पाकिस्तान से ज़मीन लाने के लिये १० साल का वक्त दिया। लेकिन तुमने ऐसा नहीं किया तुम्हारी है सोच ही गलत है कि – हिन्दु साले गधे हैं। मैं इस विषय में भी तुम्हें बता देना चाहता हूं कि हम न तो गधे हैं और ना कमजोर हैं। वीर शिवाजी, राणा प्रताप के वारिस होने के कारण हमारी रगों में उनका खून आज भी दौड़ता है और हम इतिहास से शिक्षा लेना जानते हैं । एक से एक बड़े औरंगजेब और अकबर के विरुद्ध कमर कसके खड़ा होना हमारी फितरत में है। तुम्हें यह भली प्रकार ज्ञान होना चाहिए कि जब हम खड़े हो जाते हैं तो फिर कोई आंधी तूफान नहीं देखते ।
      हिंदू धर्म से इस्लाम धर्म अपनाने वाले हिंदुओं को तुम आज भी अपने आप से अलग मानते हो। तुम्हारी नजरों में सैयद,शेख़,मुग़ल,पठान ही सच्चे मुसलमान हैं। यानी जो बाहर से आये वे ही ख़ालिस मुसलमान हैं। हिन्दु धर्म से इस्लाम धर्म में गये हिंदुओं के पूर्वजों को देख कर इतना समय दिया। क्योंकि उनके पूर्वज व हमारे पूर्वज तो एक ही थे। पर अब ये नही चल सकता। जिन्हें हिंदू से मुसलमान बने अनेकों मुसलमान भी सही तरह से समझते हैं। मियां असदुद्दीन ओवैसी ! अब यह नहीं चलने वाला कि तुम्हारी जमीन तो हो पाकिस्तान में हो और तुम रहो हिंदुस्तान में। हिंदुस्तान में तो हिंदुस्तान के ढंग से रहना होगा, अर्थात वंदे मातरम कहना होगा। जिस मां भारती के टुकड़ों पर पलते हो, उसी के टुकड़े ( भारत तेरे टुकड़े होंगे – इंशाल्लाह इंशाल्लाह ) करने की सोचते हो , तुम से अधिक गद्दार भला और कौन होगा ? ( शेस अगले अंक में)

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