– महाराष्ट्र की जनता ने बीजेपी और शिवसेना को संयुक्त रूप से वोट देकर एक हिंदू सरकार ही चुनी थी…. लेकिन ये बहुत दुखद विषय है कि मुख्यमंत्री पद के लिए यानी कुर्सी के लिए दोनों पार्टियों के बीच विवाद हुआ और विवाद इतना ज्यादा हो गया कि गठबंधन टूट गया… यानी हिंदू तो नहीं बंटा लेकिन हिंदू लीडर्स बंट गए जिसका परिणाम आज महाराष्ट्र के 4 जिलों में देखने को मिल रहा है
-महाराष्ट्र से जो दर्दभरी कहानियां आ रही हैं और जो हिंदुओं की दुकानों को जलाने की जो तस्वीरें टीवी न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया के माध्यम से पूरे देश ने देखी हैं उनसे ये पता चलता है कि मुसलमानों को पाकिस्तान और बांग्लादेश के अंदर भी हिंदुओं को मारने काटने का अधिकार हासिल है और हिंदुस्तान में भी जिन प्रांतों में सेकुलर हुकूमत है वहां भी हासिल है
-जहां पर सेकुलर सरकार है वहां हिंदू लाचार है… गांधी का मैं अनुयायी नहीं हूं लेकिन गांधी ने भी कहा था कि हिंदू धर्म दुनिया का सबसे सहिष्णु धर्म है लेकिन इस सबसे सहिष्णु धर्म के खिलाफ पिछले 1 हजार सालों से लगातार अभियान चलाया जा रहा है… हिंदुओं का कत्लेआम करने का जो क्रम इतिहास में मुस्लिम सुल्तानों और बादशाहों ने शुरू किया था… वो पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में आज भी जारी है
-सेकुलर सरकार के अंदर हिंदुओं का खून नाले के पानी की तरह होता है… जिसके बहने से किसी को कोई फर्क ही नहीं पड़ता है… अभी पश्चिम बंगाल में जब चुनाव का नतीजा आया तो वहां पर हिंदुओं का खून नाले के पानी की तरह बहा दिया गया… खास तौर पर दबे कुचले दलित वर्ग पर जिहादी कुठाराघात हुआ… लेकिन तब भी दलित राजनीति करने वाली पार्टियों के होंठ मुस्लिम वोट की सुई ने सिल दिए थे
-एक सामान्य व्यक्ति का अनुभव सिर्फ उसकी उम्र के बराबर होता है… लेकिन इतिहासकार का अनुभव हजारों सालों का हो सकता है अगर उसने हजारों सालों का इतिहास अच्छी तरह से पढ़ा हो । मुझे इतिहास पढ़ने का शौक है और मैं जो देख पा रहा हूं भारत में साल 1919 जैसे परिस्थितियां बनी हुई हैं… उस वक्त भी आर्य समाज ने इस्लाम धर्म की बुराइयों के खिलाफ अभियान छेड़ा था जिसके बाद मुसमलानों ने पूरे भारत में हिंदुओं का कत्लेआम आरंभ कर दिया था… ठीक वही स्थिति फिर से बनती दिख रही है जब हिंदुओं ने इस्लाम में मौजूद गैर मुसलमानों के खिलाफ घृणा पर आरोप लगाए हैं तो जवाब में सिर तन से जुदा करने के फतवे दिए जा रहे हैं… और दंगा भी शुरू हो गया है… फर्क सिर्फ इतना है कि तब ब्रिटिश गवर्नमेंट थी और आज मोदी गवर्नमेंट है … आज मोदी गवर्नमेंट है इसलिए हालात काबू में हैं…
-यूपी में योगी सरकार है इसलिए वहां यति नरसिंहानंद सरस्वती के बयानों के बावजूद भी एक भी दंगा नहीं भड़का… योगी जी रोज़ दंगाइयों को समझाते रहते हैं कि तुम्हारा इलाज हमें पता है… लेकिन जहां महाराष्ट्र में कोई इस्लाम के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया गया वहां जिहादियों को दंगे फैलाने का मौका मिल गया और उन्होंने ये काम बखूबी अंजाम दिया
- ये 1919 को 1947 तक आते देर नहीं लगेगी… इसीलिए वक्त बहुत नाजुक है… गांधी नेहरू ने 1947 में समस्त जिहादियों को पाकिस्तान रवाना ना करने की भूल की है उसका बहुत भारी परिणाम हिंदुओं को भुगतना होगा… आज नहीं तो कल… हिंदू कब तक बचेगा ? जिहादियों की तेजी से बढ़ती आबादी लोकतंत्र को रसगुल्ले की तरह निगल जाएगी और फिर हिंदुओं का हाल वही होगा जो अलाउद्दीन खिलजी के जमाने में था… यानी हिंदुओं को हथियार रखने की और घोड़े पर चढ़ने की भी आजादी नहीं थी… ये जो बड़ी बड़ी लाखों रुपए की कारें लेकर आप घूमते हो… इन पर चढने की आजादी आपको नहीं होगी और आप को पूरे परिवार समेत दीन हीन बनाकर जजिया टैक्स देने के लिए मजबूर कर दिया जाएगा… इसीलिए अपने चारों तरफ बहुत तेजी से हो रहे बदलावों को महसूस करो… और एक जागरूक राष्ट्र भक्त बनकर लोगों को जगाने का काम आरंभ करो
-ये पेट्रोल की कीमत… ये सरसों के तेल के दाम का रोना धोना बंद करो… अगर सेकुलर हुकूमत आ गई तो भी दाम गिरने वाले नहीं हैं… पेट्रोल के दाम तो कोई भी सरकार कम कर ही नहीं सकती है क्योंकि पेट्रोल के दाम से ही सबसे ज्यादा टैक्स आता है और उससे ही देश को चलाने के लिए सरकार पैसा खर्च करती है लोगों को वेतन देती है… और तमाम सरकारी योजनाओं पर खर्च होते हैं… युद्ध के लिए सुरक्षा के सामान खरीदे जाते हैं… तेल के चक्कर में कहीं हिंदू अपना ही तेल ना निकाल ले… ये याद रखना
-यूपी में 20 प्रतिशत मुसमलान हो चुके हैं… बंगाल में 30 प्रतिशत मुसलमानों ने डेमोक्रेसी पर संपूर्ण कब्जा करके दिखा दिया है… 20 और 30 के बीच ज्यादा फर्क नहीं होता है… करोड़ों रोहिंग्या यूपी में घुस चुके हैं और उनके वोटर आईडी कार्ड भी समाजवादी पार्टी बनवा रही है… बहुत बड़े पैमाने पर योगी को हराने के लिए मुस्लिम मुल्कों से फंडिंग भी शुरू हो चुकी है… जकात का पैसा भी योगी को हराने में खर्च किया जा रहा है… अब इतनी मेहनत करने के बाद जब मुसलमानों की हुकूमत आ जाएगी तो वो हिंदुओं को रबड़ी थोड़े ही खिलाएंगे… इसीलिए सोच समझकर फैसला लेना… नहीं तो यूपी का हाल भी महाराष्ट्र जैसा होगा।
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लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।