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Continue to Chat*"मकान में तो सब रहते ही हैं। दूसरों के हृदय में रहने का आनंद कुछ और ही है।"* https://www.ugtabharat.com/46151/
*"मकान में तो सब रहते ही हैं। दूसरों के हृदय में रहने का आनंद कुछ और ही है।"* https://www.ugtabharat.com/46151/