पंजशीर में नरसंहार कर रहे तालिबान-पाकिस्तान को ईरान की चेतावनी : लक्ष्मण रेखा पार न करें

इस्लाम के नाम पर आतंक को प्रोत्साहित और प्रशिक्षित करने में पाकिस्तान विश्व में मशहूर है। अगर पाकिस्तान ने आतंक पर खर्च करने की बजाए देश के विकास पर खर्च किया होता, इधर-उधर देशों के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता।
तालिबान के खिलाफ लोहा ले रही अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में अब तालिबान पाकिस्तान के साथ मिलकर नरसंहार कर रहा है, जिसपर ईरान ने बुरी तरह खफा हो गया है, अफगानिस्तान के बेहद अहम पड़ोसी देश ईरान के विदेश मंत्रालय ने तालिबान को कड़ी चेतावनी देते हुए लक्ष्मण रेखा पार नहीं करने की चेतावनी दी है, ईरान ने कहा कि वह पंजशीर में पाकिस्तान के हस्तक्षेप की जांच कर रहा है। उन्होंने कहा कि पंजशीर के कमांडरों की शहादत बेहद निराशाजनक है और ईरान कल रात के हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करता है।
तेहरान टाइम्स ने ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद खतीब ज़ादेह के हवाले से कहा, “पंजशीर हमले के दौरान पाकिस्तानी हस्तक्षेप की जांच की जा रही है।” ईरान का मानना है कि अंतर-अफगान वार्ता ही अफगान समस्या का एकमात्र समाधान है। उन्होंने कहा- ‘मैं दृढ़ता से चेतावनी देता हूं कि सभी लक्ष्मण रेखा को पार न करें और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जिम्मेदारियों पर विचार किया जाना चाहिए।

ईरानी प्रवक्ता ने कहा, “ईरान अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए है।” ईरान की चेतावनी ऐसे समय में आई है जब पंजशीर विद्रोहियों ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सेना ने तालिबान को जीतने के लिए हवाई सहायता प्रदान की। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि तालिबान ने पाकिस्तान की मदद से नरसंहार को अंजाम दिया।

तालिबान-पाकिस्तान के इस हमले में ताजिक मूल के विद्रोही नेता अहमद मसूद को बड़ा झटका लगा है, उनके प्रवक्ता फहीम दशती और शीर्ष कमांडर जनरल साहिब अब्दुल वदूद झोर मारे गए. मसूद के सुरक्षित स्थान पर चले जाने के बाद तालिबान ने सोमवार सुबह दावा किया कि उन्होंने पंजशीर पर पूरी तरह कब्जा कर लिया है। इस बीच मसूद ने ट्वीट कर कहा कि तालिबान हमारे साथ युद्ध नहीं लड़ रहा है बल्कि उनका नेतृत्व पाकिस्तानी सेना और आईएसआई कर रही है। तालिबान हमारे साथ मुकाबला करने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं हैं लेकिन पाकिस्तानी सेना उनके साथ सहयोग कर रही है।

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