औरंगजेब और अकबर के बारे में कुछ ऐसा पढ़ाया जाता है पाकिस्तानी स्कूली पाठ्यक्रम में

पाकिस्तान के स्कूलों में बच्चों को क्या पढ़ाया जाता है ? उसे देखकर आप भी यह अनुमान लगा सकते हैं कि पाकिस्तान के स्कूली पाठ्यक्रम में भारत के विरुद्ध जहर उगला जाता है और मुगल बादशाहों के अत्याचारों को सही ठहराने का प्रयास किया जाता है।

1- “हिन्दू हमेशा से इस्लाम के दुश्मन रहे हैं।”

(उर्दू कक्षा V, पंजाब पाठ्यपुस्तक बोर्ड, लाहौर, मार्च २००२, पृष्ठ १०८)

2- “दुष्ट हिंदुओं के धर्म ने उन्हें अच्छी बातें नहीं सिखाईं – हिंदू महिलाओं का सम्मान नहीं करते थे”
(सामाजिक अध्ययन कक्षा IV के लिए, पंजाब पाठ्यपुस्तक बोर्ड, लाहौर, २००५, पृष्ठ ८१)

3- “हिन्दू मंदिरों में पूजा करते हैं जो बहुत संकरी, अंधेरी और गंदी जगह हैं, जहां वे मूर्तियों में नकली देवताओं की पूजा करते हैं। मंदिर में एक बार में एक ही व्यक्ति प्रवेश कर सकता है। दूसरी ओर, हमारी मस्जिदों में, सभी मुसलमान एक साथ नमाज़ पढ़ सकते हैं।
(सोशल स्टडीज फॉर क्लास V, पंजाब टेक्स्टबुक बोर्ड, लाहौर, १९९६, पृष्ठ १०९)

4- इस्लाम अन्य सभी धर्मों से “श्रेष्ठ” है।
(पंजाब पाठ्यपुस्तक बोर्ड की कक्षा III 7-8 आयु वर्ग के लिए)।

5- “मुसलमानों ने भारतीय उपमहाद्वीप पर लगभग हजार वर्षों तक भव्यता से शासन किया, लेकिन उन्होंने एक भी हिंदू का जबरन धर्म परिवर्तन नहीं कराया। अगर वे चाहते तो आज उपमहाद्वीप में उनका नामोनिशान भी नहीं होता। लेकिन मुसलमानों ने बड़ी सहनशीलता दिखाई और यहां तक ​​कि हिंदुओं को ऊंचे पदों पर भी नियुक्त कर दिया।
(पंजाब बोर्ड द्वारा इस्लामी अध्ययन पर कक्षा V पुस्तक)

6- “दुनिया के अधिकांश अन्य धर्म समानता का दावा करते हैं, लेकिन वे इस पर कभी वास्तविक कार्य नहीं करते हैं।”
सिंध पाठ्यपुस्तक बोर्ड की कक्षा सातवीं (उम्र ११-१२) इस्लामी अध्ययन

7- “गैर-मुसलमानों के लिए ईमानदारी महज एक व्यापारिक रणनीति है, जबकि मुसलमानों के लिए यह आस्था की बात है।”
(पंजाब बोर्ड की आठवीं कक्षा के लिए इस्लामी अध्ययन की पाठ्यपुस्तक (उम्र 12-13)

8- “एक छात्र होने के नाते, आप व्यावहारिक रूप से जिहाद में भाग नहीं ले सकते, लेकिन आप जिहाद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर सकते हैं।”
(पंजाब बोर्ड कक्षा V (उम्र 9-10, सामाजिक अध्ययन)

9- “ब्रिटिश शासन की स्थापना से इस्लाम और मुसलमानों की स्वतंत्र स्थिति को चोट पहुँची। गैर-मुसलमानों के अधीन मुसलमान गुलाम बने रहे और उन्हें मजबूर किया गया। ”
(नौवीं कक्षा के लिए पंजाब बोर्ड से पाकिस्तान अध्ययन पुस्तक, उम्र १३-१४)

10- “अंग्रेजों… को डर था कि मुसलमान भारत के शासन के सच्चे उत्तराधिकारी होने के नाते उनके लिए कभी भी खतरा बन सकते हैं।”
(उर्दू पर सातवीं कक्षा बलूचिस्तान पाठ्यपुस्तक बोर्ड की किताब)

11- “[भारत के मुगल सम्राट] औरंगजेब के खिलाफ हिंदुओं के प्रति पूर्वाग्रह के आरोप विशुद्ध रूप से संकीर्ण विचारधारा वाले हिंदुओं और विश्वासघाती अंग्रेजों का मनगढ़ंत हैं।”
(पंजाब बोर्ड की “मैट्रिकुलेट” उम्र 15-16 के लिए उर्दू पाठ्यपुस्तक)।

12- “सम्राटअकबर की हिंदू समर्थक नीतियों से हिंदुओं को इतना प्रोत्साहन मिला कि उन्होंने मस्जिदों और दरगाहों को तोड़ना शुरू कर दिया और उनके स्थान पर अपने मंदिर बनाने शुरू कर दिए। जहां भी हिंदू बहुसंख्यक थे, उन्होंने मुसलमानों के साथ बर्बरता की।
(पंजाब बोर्ड की छठी कक्षा की इतिहास की किताब)

13- “सिख मुसलमानों के साथ बहुत क्रूरता करते थे और उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता नहीं देते थे…अंग्रेजों ने मुसलमानों पर भरोसा नहीं किया और अन्याय और क्रूरता की नीति ने मुसलमानों की आर्थिक और शैक्षिक स्थिति को चोट पहुंचाई।”
(खैबर पख्तूनख्वा पाठ्यपुस्तक बोर्ड द्वारा प्रकाशित आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए इतिहास की पाठ्यपुस्तक)

14 – 1971 में बांग्लादेश अपना स्वतंत्र राष्ट्र बन गया – अब पूर्वी पाकिस्तान नहीं – “इस्लाम के दुश्मन देशों” की साजिश के कारण।
कक्षा VII के लिए पंजाब बोर्ड सामाजिक अध्ययन पुस्तक


अगर शिक्षा के नाम पर ऐसी नफरत सिखाई जाएगी तो आप देश के भविष्य की कल्पना अच्छी तरह कर सकते हैं!
इस पोस्ट की मूल सूचना पाकिस्तान मे इंगलिश मीडियम की स्कूल की पुस्तकों से ली है।

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