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Continue to Chatजीव कर्म करने में स्वतंत्र है, लोग करते हैं इसका दुरुपयोग : स्वामी विवेकानंद परिव्राजक https://www.ugtabharat.com/40487/
जीव कर्म करने में स्वतंत्र है, लोग करते हैं इसका दुरुपयोग : स्वामी विवेकानंद परिव्राजक https://www.ugtabharat.com/40487/