बांग्लादेश में हिंदुओं के मंदिरों पर कब तक होते रहेंगे हमले ?

 क्या वहां की सरकार की इन हमलों पर गंभीर है?

 

बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों में लगाई आग (साभार: इंडिया टुडे)

बांग्लादेश के मगुर जिले के मोहम्मदपुर उपजिला में 400 साल पुराने परुर्कुल अष्टग्राम महा श्मशान (Paruarkul Ashtagram Maha crematorium) और राधा गोबिंद आश्रम में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा आग लगाने की घटना सामने आई है। आग से तीन कमरों के हिस्से, रथ और मूर्तियाँ जलकर खाक हो गईं। 

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश जाने को विरोधियों ने एक तीर से दो निशाने साधने का नाम दिया था, जिसमे दम भी दिखाई पड़ता है। पाकिस्तान हो या बांग्लादेश दोनों ही देशों में हिन्दू अत्यन्त ही दयनीय स्थिति में हैं। मोदी के बांग्लादेश से लौटने के बाद कट्टरपंथी समूह हिफाजत-ए-इस्लाम ने चटगाँव स्थित ब्राम्हनबरिया में हिंसा की थी। हिफाजत समर्थकों ने यहाँ मंदिर में रखी माँ काली और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों को तोड़ दिया था। श्री श्री आनंदमयी काली मंदिर कमेटी के अध्यक्ष आशीष पॉल ने बताया कि हम डोल पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर में पूजा कर रहे थे। इसी दौरान हिफाजत-ए-इस्लाम के करीब 200 से 300 हथियारबंद लोग मंदिर का गेट तोड़कर अंदर घुस आए। हमने काली माँ की मूर्ति को बचाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने हमें ढकेलकर काली माँ की मूर्ति को तोड़ दिया।

मोदी की यात्रा के विरोध में कट्टरपंथी इस्लामिक गुटों ने विरोध-प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ हिंसक झड़प की, जिसमें कम से कम 10 लोगों की मौत हुई। इसके बाद पूर्वी बांग्लादेश में एक ट्रेन को हिफाजत-ए-इस्लाम ने निशाना बनाया था। राजशाही के पश्चिम जिले में दो बसों में आग लगाई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी भी की।

मोहम्मदपुर उपजिला परिषद की पूर्व उपाध्यक्ष और हिंदू-बौद्ध क्रिश्चियन ओइक्या परिषद (Hindu-Buddhist Christian Oikya Parishad) की आयोजन समिति की पूर्व सचिव स्वप्न रानी बिस्वास ने घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुछ सफाई कर्मचारी गुरुदास मंदिर में आए, जहाँ उन्होंने आग को देखा। बाद में प्रशासन और दमकल को सूचना दी गई। हालाँकि, मोहम्मदपुर से फायर ब्रिगेड के पहुँचने से पहले आग बुझा दी गई।

इस बीच मोहम्मदपुर उपजिला निरभाही अधिकारी रामानंद पाल, सहायक आयुक्त भूमि हरकृष्ण अधिकारी, मोहम्मदपुर पुलिस स्टेशन के ओसी तारक नाथ विश्वास और स्थानीय बाबूखाली संघ के अध्यक्ष मीर शहजाद अली घटना की जानकारी होते ही मौके पर पहुँचे। बाद में मगुरा के डिप्टी कमिश्नर अशरफुल आलम और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जहीरुल इस्लाम सहित वरिष्ठ प्रशासन के अधिकारी भी घटनास्थल पर गए।

स्वप्न रानी ने घटना को सांप्रदायिक झड़पों को उकसाने और राजनीतिक अशांति पैदा करने वाला करार दिया। वहीं सहायक आयुक्त भूमि हरकृष्ण अधिकारी ने बताया कि घटना में आश्रम के दो कमरे क्षतिग्रस्त हुए हैं। मूर्ति भी टूटी हैं। आग लगने से रथ भी जल गए हैं। उन्होंने कहा कि जाँच के बाद ही घटना के लेकर यकीनी तौर पर कुछ कहा जा सकता है।

पुलिस अधिकारी जहीरुल इस्लाम ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद आश्वासन दिलाया कि तोड़फोड़ के सबूत मिलने के बाद आरोपितों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द वाले जिले मगुरा में किसी भी सांप्रदायिक ताकत को बख्शा नहीं जाएगा।

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