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Continue to Chatआत्मा अनादि अविनाशी व जन्म मरणधर्मा है तथा मोक्ष की कामना से युक्त है https://www.ugtabharat.com/27445/
आत्मा अनादि अविनाशी व जन्म मरणधर्मा है तथा मोक्ष की कामना से युक्त है https://www.ugtabharat.com/27445/