मौलाना को सिखाया तहजीब का पाठ : धर्मनिरपेक्षता का पाठ : एकतरफा तहजीब कब तक निभाए हिंदू

Zee न्यूज़ मौलाना धर्मनिरपेक्षता
जी न्यूज के एंकर ने मौलाना को सिखाया सेक्युलरिज्म

सोमवार (मई 18, 2020) को जी न्यूज के प्रोग्राम ‘ताल ठोक के’ के एंकर अमन चोपड़ा ने एक मौलाना को ‘धर्मनिरपेक्षता’ का पाठ पढ़ाया। दरअसल, प्रोग्राम में चर्चा हाल ही में कर्नाटक के दावणगेरे जिले में हुई सांप्रदायिक घटना पर आधारित थी, जिसमें मुस्लिम महिलाओं को हिन्दू दुकानों से कपड़े खरीदने के लिए कट्टरपंथी निशाना बनाते हैं, धमकी देते हैं और गाली-गलौज करते हैं।
चोपड़ा ने प्रोग्राम की शुरुआत करते हुए मौलाना नदीमुद्दीन से कहा कि वो इस्लामिक कट्टरपंथियों ने जो हरकत की है उसकी निंदा करें। जी न्यूज एंकर अमन चोपड़ा को वीडियो में कहते हुए सुना जा सकता है, “गंगा-जमुनी तहजीब की जिम्मेदारी सिर्फ एक समुदाय की थोड़ी न है, ताली दोनों हाथों से बजेगी।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने आम तौर पर देखा, जब हम मिलते हैं तो सलाम, अस्सलाम वालेकुम, सब कुछ कहते हैं, लेकिन क्या आप लोग राम-राम कहते हैं? आप लोग नहीं कहते हैं। हमने मंदिरों में इफ्तारी भी देखी है और नमाज भी देखी है। लेकिन मस्जिदों में हवन-पूजा होता है क्या? लंगर होता है क्या? नहीं होता। एक हाथ से ताली नहीं बजेगी न।”
इसके बाद एंकर अमन चोपड़ा मौलाना से बार-बार राम-राम और जय श्री राम बोलने के लिए कहते हैं, लेकिन जब वो नहीं बोलते हैं तो फिर एंकर बार-बार इस्लामिक अभिवादन करके उन्हें समझाते हैं कि वो सांप्रदायिक नहीं है, वो उनका अभिवादन कर सकते हैं, तो फिर वो राम-राम बोलकर क्यों नहीं कर सकते।
बार-बार बोलने के बाद भी जब मौलाना नहीं बोलता है, तो फिर अमन चोपड़ा कहते हैं, “दो हाथों से ताली बजाइए न, मिलकर भी रहना है, गंगा-जमुनी तहजीब भी दिखानी है, आप नहीं बोलेंगे। ताली दो हाथों से बजती है, एक हाथ से नहीं बजती, गंगा जमुनी तहजीब पर भाषण देना बहुत आसान होता है। एक सेकेंड में जुबान बंद हो जाती है आपलोगों की।” 
गौरतलब है कि पिछले दिनों कई सारे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिसमें हिन्दू दुकान से सामान खरीदने पर मुस्लिम महिलाओं के साथ मुस्लिम भीड़ को गाली-गलौज करते हुए देखा जा सकता है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि रमजान के पवित्र महीने में जैसे ही हिंदुओं के स्वामित्व वाली एक लोकप्रिय कपड़े की दुकान ‘बीएस चन्नबसप्पा एंड संस’ से बुर्का-पहने महिलाएँ बाहर निकलती हैं कि मुस्लिमों की भीड़ उन पर आक्रामक हो जाती है। उनको चारों तरफ से घेर लिया जाता है और सवाल-जवाब किए जाते हैं।
उनके हाथ से कपड़ों की थैली भी छीन ली जाती है और कपड़े रखकर थैली को फेंक दी जाती है। शायद इसलिए क्योंकि उस थैली का रंग ‘भगवा’ था। वीडियो में महिलाओं को आक्रामक मुस्लिम भीड़ से जाने देने की विनती करते हुए देखा जा सकता है।

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