Categories
Uncategorised

श्री राम के वंशज होने के समर्थन में दिए गए शपथ पत्र कितने स्वीकार्य

नई दिल्ली । अयोध्या स्थित राम जन्म भूमि के संबंध में चल रहे वाद में उस समय एक नया मोड़ आया जब सर्वोच्च न्यायालय ने यह इच्छा प्रकट की कि धरती पर क्या कोई भी ऐसा व्यक्ति है जो अपने आपको श्री राम का वंशज होने का दावा कर सकता है ? – इसके पश्चात कई लोग श्रीराम के वंशज होने का दावा करते हुए शपथपत्र लेकर सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गए। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता महोदय ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि मुझे नहीं मालूम की धरती पर इस समय कोई रामचंद्र जी का वंशज है अभी किया नहीं है। यद्यपि कई लोगों ने रामजी का वंशज होने का दावा किया है।

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा राजेन्द्र सिंह ने माननीय न्यायालय के समक्ष शपथपत्र प्रस्तुत करके अवध के राजा रामचन्द्र जी का वंशज होने का दावा पेश किया है और उन्होने कहा कि वे अदालत में पौराणिक साक्ष्यों सहित प्रस्तुत होगे। राजा राजेन्द्र सिंह का कहना है कि मुझे सौभाग्य से सूर्यवंश कुल में जन्म मिला है। अयोध्या अवध राजवंश सूर्यवंशी क्षत्रिय कुल का राजवंश अनादि काल से चला आ रहा है। ये पौराणिक ग्रंथों में संकलित है।

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय पदाकारी राष्ट्रीय महामंत्री प्रमुख उमेश कुमार सिंह, राष्ट्रीय महिला मंत्री सम्प्रदा सिंह अधिवक्ता, शिव नंदन सिंह, राष्ट्रीय महिला महामंत्री सोनिया सिंह राजपूत, राहुल प्रताप सिंह, अन्य सभी अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के सभी पदाधिकारी गणों सहित करोड़ो करोड़ क्ष़ित्रय कुल में जन्मे क्षत्रिय कुलवीर राजा राम चंद्र जी के लिए समर्पित है।

अब यहां पर प्रश्न यह है कि अब से लगभग पौने 1000000 वर्ष पूर्व उत्पन्न हुए श्री रामचंद्र जी के वंशज कितने हो सकते हैं ? इतने बड़े देश में उनके लाखों करोड़ों वंशज इस समय हैं । उनमें से कोई एक व्यक्ति कैसे यह कह सकता है कि केवल मैं ही आज उनका जीवित उत्तराधिकारी हूँ ? यहां पर एक उदाहरण के रूप में यह समझा जा सकता है कि पृथ्वीराज चौहान या उनसे पहले के जिन शासकों के उत्तराधिकारियों की सही-सही प्रमाणिक सूचना हमारे पास उपलब्ध है , उनके भी इस समय हजारों वंशज जीवित हैं । एक ही शासक या उसके किसी वंशज के द्वारा बसाए गए गांव आज भी इस देश में उपलब्ध हैं। जिनमें उस शासक के हजारों वंशज जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में लाखों वर्ष पूर्व पैदा हुए श्री राम के कितने वंशज इस देश में होंगे ? – यह बात विचारणीय है । अतः किसी को भी अपने आपको श्री राम का एकमात्र जीवित वंशज कहने का अधिकार नहीं है ।

ऐसे में किसी भी व्यक्ति के द्वारा यदि यह कहकर कोई शपथ पत्र माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है कि वह श्री रामचंद्र जी का एकमात्र जीवित उत्तराधिकारी है या वंशज है तो ऐसे शपथ पत्र की विश्वसनीयता पूर्णतया संदिग्ध है।

Comment:Cancel reply

Exit mobile version