हिन्दू साम्राज्य दिवस की 338वीं वर्ष गांठ (दो जून 2012)

  • इस दिन, छत्रपति शिवाजी का राज्यभिषेक हुआ था अत: हिंदू संगठन इस दिन को हिंदू साम्राज्य दिवस के रूप में , अनेकों स्थानों पर खुशी से मनाते हैं।
  • यदि स्वतंत्रता का संघर्ष हिंदू संगठक वीर सावरकर के नेतृत्व में, हिंदू महासभा के माध्यम से लड़ा जाता तो 1947 में देश के स्वतंत्र होते ही, हिंदू साम्राज्य, वास्तव में शुरू हो जाता क्योंकि देश का ध्वज सौ प्रतिशत भगवे रंग का होता और देश का नाम देश विदेश की सभी भाषाओं में हिंदुस्तान रखा जाता।
  • ऐसी सरकार विकृत तोड़े गये मंदिरों के पुर्ननिर्माण जीर्णोद्घार की स्पष्टï घोषणा करती और किसी भी समुदाय को अल्प संख्यक का दर्जा नही दिया जाता। केवल हिंदू त्यौहारों पर सरकारी अवकाश की घोषणा की जाती और 906 वर्षों तक गुलाम रहे हिंदू के आंसू पोंछती और उसके चेहरे पर मुस्कान होती।
  • हिंदू धर्म को राजकीय धर्म घोषित किया जाता। गोवध पर पूरे देश में छज्ञबंदी लगती। मद्यानिषेध लागू होता और स्कूलों कालिजों में हिंदू धर्म की शिक्षा देने की व्यवस्था की जाती।
  • खेद है कि सब कुछ उल्टा हो गया। हिंदू ने विनाश कालेज विपरीत बुद्घि पर आचरण किया और अब उसकी देश विदेश में सर्वत्र उपेक्षा हो रही है और हिंदू अब भी संभल जा, वरना तेरा बचना मुश्किल है।

-सावरकर वाद प्रचारसभा

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