राहुल प्रियंका में बंटी कांग्रेस

आने वाले आम चुनाव किसकी अगुआई में लड़े जाएंगे इस बात को लेकर कांग्रेस में अंर्तद्वंद बरकरार है। राहुल या प्रियंका के प्रश्न पर कांग्रेस बंटी हुई नजर आ रही है। कांग्रेस का एक धड़ा प्रियंका गांधी को तो दूसरा राहुल गांधी को आगे करने की हिमायत करता नजर आ रहा है। यह तय माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस की कमान सोनिया के हाथों से अगली पीढ़ी को हस्तांतरित हो जाएगी। घपले, घोटाले, भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी कांग्रेसनीत केंद्र सरकार के लिए अगला आम चुनाव किसी बड़ी चुनौति से कम नहीं है। इस चुनाव में कांग्रेस का परचम लहराने के लिए आवश्यक है कि वह सत्ता और संगठन में अपना चेहरा मोहरा बदले। एक तरफ भ्रष्टाचार पर अंकुश ना लगा पाने और संगठन के अंदर अराजकता के पनपने के चलते लोगों का विश्वास कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी पर से उठ गया है, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक बने वज़ीरे आज़म डॉ.मनमोहन सिंह के चेहरे से भी लोग उब चुके हैं। कांग्रेस का एक धड़ा राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने का ताना बाना बुन रहा है। अगले आम चुनावों में राहुल गांधी की अगुआई सुनिश्चित करने इस धड़े द्वारा समय से पूर्व ही चुनाव करवाने की जुगत लगाई जा रही है। राहुल के लिए लाबिंग करने वालों में नए नवेले नेता पुत्रों की लंबी फेहरिस्त है। वहीं, दूसरी ओर राहुल को ना चाहने वालों की तादाद भी कांग्रेस में कम नहीं है। एआईसीसी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एक उद्योगपति सांसद ने तो यहां तक कह डाला कि कल का छोकरा राहुल हमारा नेतृत्व करेगा? अरे हमने उनके पिता और दादी के साथ काम किया है। अब राहुल के पास जाकर अपने कामों के लिए चिरोरी करना निश्चित तौर पर हमारी गरिमा के प्रतिकूल ही होगा। केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने तो राहुल को केंद्रीय रंगमंच पर कभी कभार अवतरित होने वाले की संज्ञा भी दे डाली थी। उधर, अब यह भी तय माना जा रहा है कि सोनिया गांधी के उत्तराधिकारी के बतौर रायबरेली की सीट पर उनकी पुत्री प्रियंका वढ़ेरा ही होंगीं। जिस तरह से मीडिया में रायबरेली संसदीय क्षेत्र को लेकर उनके जनता दरबार की बात उछाली जा रही है वह किसी प्रायोजित खबर से कम नहीं है। आने वाले दिनों में प्रियंका वढ़ेरा को रायबरेली की कमान सौंपी जाना तय है। सूत्रों की मानें तो दरअसल, कांग्रेस का एक धड़ा चाह रहा है कि प्रियंका वढ़ेरा राजनीति में आएं। इसके लिए वे प्रियंका को वैकल्पिक नेता की भूमिका में लाने की हिमायत कर रहे हैं। राहुल गांधी और सोनिया गांधी का मिथकीय जादू उत्तर प्रदेश के चुनावों में साफ हो गया है। अब कांग्रेस को उम्मीद बची है तो बस प्रियंका वढ़ेरा की छवि की। किन्तु प्रियंका के साथ भी उनके पति राबर्ट वढ़ेरा की कारगुजारियां पीछा नहीं छोड़ रही हैं। इस सबके बीच वर्तमान वज़ीरे आज़म डॉ.मनमोहन सिंह नीरो के मानिंद आज भी चैन की बंसी बजा रहे हैं। पिछली कई मर्तबा मनमोहन सिंह ने सिंह गर्जना कर कहा गया कि वे अभी रिटायर नहीं हो रहे हैं, उन्हें अभी अपने बचे हुए काम निपटाने हैं। अपने कामों को निपटाने में सिंह जल्दबाजी में भी नहीं दिख रहे हैं।

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