मेट्रो विस्तार से पहले होगा यातायात सर्वे

शहर में दो रूट पर प्रस्तावित मेट्रो के विस्तार से पहले प्राधिकरण इन मार्ग पर ट्रैफिक का विस्तृत सर्वे कराएगा। इसके लिए प्राधिकरण ने राइट्स को जिम्मेदारी सौंप दी है। भविष्य में इन मार्ग पर यातायात प्रभावित न हो, इसके लिए ट्रैक के स्थान में भी बदलाव किया गया है। मेट्रो विस्तार के लिए यह अहम निर्णय नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संजीव सरन ने लिया है। मंगलवार को उन्होंने मेट्रो विस्तार की समीक्षा करने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के अधिकारियों संग बैठक की।
सीईओ संजीव सरन ने ही पिछले कार्यकाल में मेट्रो को दिल्ली से नोएडा लाने की योजना तैयार की थी।
उन्हें अ‘छे से पता है कि शहर के विकास में मेट्रो का कितना अहम योगदान है। यही वजह है कि नोएडा प्राधिकरण में दोबारा सीईओ का कार्यभार संभालने पर संजीव सरन ने शहर के विकास में मेट्रो को अपनी प्राथमिकता बताया था। कार्यभार संभालने के साथ उन्होंने शनिवार को अधिकारियों संग हुई छोटी सी बैठक में मेट्रो विस्तार का जानकारी ली। परियोजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए उन्होंने मंगलवार को डीएमआरसी संग बैठक बुलाई। सीईओ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में डीएमआरसी अधिकारियों सहित डीसीईओ सीबी सिंह व कुछ अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में सीईओ ने बॉटनिकल गार्डन से कालिंदी कुंज तक 874 करोड़ रुपये की लागत से होने वाले &.962 किमी लंबे मेट्रो विस्तार और सिटी सेंटर से सेक्टर 62 तक 1805 करोड़ रुपये की लागत से होने वाले 6.7 किमी लंबे मेट्रो विस्तार की समीक्षा की। दोनों रूट के लिए प्राधिकरण डीएमआरसी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूर कर चुका है। मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर विचार किया जा रहा है। एमओयू में संशोधन के बाद इसे प्रदेश सरकार से मंजूरी प्राप्त करने के लिए भेजा जाएगा।
वहीं सिटी सेंटर से सेक्टर 62 तक के मेट्रो स्टेशन में सीईओ के निर्देश पर अहम परिवर्तन किए जाएंगे। वर्तमान में शहर में बने छह मेट्रो स्टेशन से प्रभावित हो रहे यातायात से सबक लेते हुए सीईओ ने इस रूट पर ट्रैक की जगह बदल दी है। मेट्रो का ट्रैक अब सेंट्रल वर्ज पर बनने की जगह मार्ग के दाहिनी तरफ ग्रीन बेल्ट में तैयार किया जाएगा। इससे बीच सडक़ पर यातायात प्रभावित नहीं होगा और इस मार्ग पर प्रस्तावित एलिवेटेड रोड सेंट्रल वर्ज पर आसानी से बनाई जा सकेगी। हालांकि, इससे पहले प्राधिकरण राइट्स से इस पूरे मार्ग पर मेट्रो निर्माण के बाद यातायात पर पडऩे वाले असर का सर्वे करेगा।

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