मुख्यमंत्री जी! उ. प्र. के हालातों पर ध्यान दो, तो अच्छा है

रवि सिन्हा एडवोकेट
अंबेडकर नगर। एक ओर जहां समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव बार बार अपनी पार्टी के नेताओं को हद में रहने की नसीहत दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पार्टी के नेता चाहे वह मंत्री हो या विधायक उनकी नसीहतों को ताक पर रखकर अपनी मनमानी किये जा रहे हैं। यहां तक कि उनकी जुबान और हाथ दोनों बेलगाम हो गये है। जब चाहे किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को अपशब्द कह दिया और जब चाहे निरीह जनता पर हाथ उठा दिया। समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो कई बार नेताओं और कार्यकर्ताओं को नसीहत दे चुके हैं कि वे अपनी हद में रहें लेकिन कार्यकर्ताओं की कौन पूछे मंत्रीयों तक पर भी इसका असर होता नहीं दिख रहा। सूबे के मंत्री पार्टी के जनसम्पर्क अभियान में बेलगाम बोलते हुए नजर आये। वस्त्र उद्योग मंत्री शिवकुमार बेरिया ने पुलिस को अपने हुक्म का गुलाम बता दिया तो दूसरी ओर वहीं मंत्री अहमद हसन ने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। एटा में पार्टी के जनसम्पर्क अभियान में मंत्री शिवकुमार ने कहा कि मैं कह रहा हूँ चुनौती देकर चले जाओ मेरी विधानसभा में एक थानेदार और एसडीएम की क्या औकात है कि जब तक मेरा इशारा न हो तब तक बैठ जाये, काम करना तो दूर की बात है। उन्होंने कहा कि कोई भी पुलिसकर्मी उनके हक्म के बगैर कुछ नहीं कर सकता और यदि कोई ऐसा करता है तो उसे 24 घंटे के अन्दर उसके पद से हटा दिया जायेगा। उन्होंने कहा आगे कहा कि दरोगा हम नेताओं से है न कि नेता दरोगा से। अधिकारियों की कैसे हिम्मत है कि हमारे कार्यकर्ताओं की नहीे सुनेगा। 24 घंटे में उसकी वर्दी उतरवा कर फेंक दी जायेगी। वहीं इन सबसे एक कदम आगे बढ़के टाण्डा विधायक अजीमुलहक पहलवान हैं जिनके पास मंत्री पद न होते हुए भी उनका जनता और अधिकारी और कर्मचारियों के बीच इतना खौफ है कि कोई भी उनके खिलाफ बोलने और कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं रखता। जिसका ताजा उदाहरण टाण्डा में सपा विधायक के कहने पर कोतवाली टाण्डा पुलिस ने एक चार पहिया सवारी वाहन के विरुद्ध कार्यवाही कर दिया। मामला नेहरु नगर का है टैक्सी स्टैण्ड के निकट माखनलाल यादव अपनी चार पहिया वाहन यू0पी0 45 टी0 2518 पर सवारी बैठा रहा था कि अचानक वहां पर सपा विधायक अपने वाहन सहित वहां आ गये। इस दौरान वहां पर जाम लगा हुआ था। क्षेत्र की जनता के अनुसार सपा विधायक के गार्ड ने मार्ग जाम देखकर वाहन से उतरकर टैक्सी चालक माखनलाल यादव को पीट दिया और वहां से निकल गये थोड़ी ही देर बाद कोतवाली से पुलिस आयी और चालक समेत वाहन को पकड़कर कोतवाली ले गयी। सपा नेताओं का कहना है कि अधिकारी उनके हुक्म के गुलाम हैं वो जो चाहे करवा सकते हैं। वहीं अम्बेडकर नगर के समाज कल्याण मंत्री राममूर्ति वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध को कोई भी ताकत नहीं रोक सकती। वहीं संभल में पंचायती राज्यमंत्री कमाल अख्तर की मौजूदगी में सरकार के विरोध में नारे लगाने और पर्चे बॉटे जाने पर सपा कार्यकर्ता उग्र हो गये और सम्मेलन छोड़कर सड़कों पर उतर आये।
सरकार विरोधी पर्चे फाड़कर फेंक दिये। यही नहीं गाड़ियों में तोड़फोड़ की और पर्चे बॉटने वालों की बुरी तरह से पिटाई कर डाली। जब मंत्रियों और विधायको का यह हाल है तो उनके कार्यकर्ता उनसे कैसे पीछे रह सकते हैं वे उनसे भी दो कदम आगे है। कुछ दिनों पहले प्रदेश में सपा के सम्मेलन में जा रहे सपाइयों ने फैजाबाद-लखनऊ रोड पर टोल फी बूथ पर कर्मचारियों द्वारा टोल टैक्स मॉगने पर सपा कार्यकर्ताओं ने उन कर्मचारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और जब कर्मचारियों ने इसकी शिकायत पुलिस विभाग से की तो पुलिस प्रशासन ने सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा न दर्ज करके उल्टे टोल फी बूथ कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। जिस विश्वास और प्यार के साथ अम्बेडकर नगर की जनता ही नहीं पूरे प्रदेश की जनता ने अखिलेश यादव की ताजपोशी की वो जनता के प्यार और विश्वास पर अभी तक खरे नहीं उतर सके। उक्त तथ्यों को देखते हुए ये मुहावरा एकदम सटीक बैठता है कि उ0प्र0 में रहना है तो चुपचाप ही रहना होगा।
इसलिए वर्तमान में प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से यही कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री जी! देश के हालातों पर ध्यान दो। क्योंकि यदि प्रदेश आपके हाथ से फिसल गया तो देश ‘नेताजी’ के हाथ में कभी नही आएगा।

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