मालिकाना हक के लिए तहसील पर लोगों ने किया प्रदर्शन

मोदीनगर, पांच साल पहले मकान खरीदने की एवज में पैसा दे चुके मोदीपोन कालोनी व आलोक पार्क कालोनी के मकानों के मालिकाना हक दिलाने को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नहीं हुआ है। इस मुद्दे को लेकर दोनों कालोनी के आक्रोशित लोगों ने तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और मकानों की रजिस्ट्री प्रबंधकों से कराने की मांग उठाई। लोगों ने उपजिलाधिकारी डा.रीना सिंह घेराव भी किया। इस मुद्दे पर डा. रीना सिंह ने बताया कि 19 मई को प्रबंधकों व दोनों कालोनियों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गई है। बता दें कि वर्ष 2007 में मोदीपोन लिमिटेड कंपनी बंद हो गई थी। मोदी समूह की इस बंद कंपनी के श्रमिकों के बकाए व मकानों के मालिकाना हक को लेकर विवाद शुरू हुआ। सितंबर 2000 में जिला मुख्यालय पर त्रिपक्षीय वार्ता में सहमति बनी कि श्रमिकों के बकाया व मालिकाना हक की समस्या का शीघ्र निस्तारण कर दिया जाएगा लेकिन तभी से मामला अधर में लटका हुआ है। सोमवार को फिर यह मामला फिर जोर-शोर से उठा। दोनों कालोनियों के सैकड़ों रेजीडेंसियों ने रजिस्ट्री व श्रमिक बकाए की मांग को लेकर तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे रविंद्र सिंह, डीपीएस चौधरी, कुलदीप सैनी आदि का कहना है कि अलग-अलग श्रेणियों के मकानों की पांच वर्ष पूर्व कालोनीवासी खरीददारी कर चुके हैं।लेकिन मकानों की अभी तक प्रबंधक न तो रजिस्ट्री कर रहे हैं बल्कि बैंक से अनापत्ति प्रमाण पत्र न मिलने के कारण रजिस्ट्री में विलंब होने की बात कहकर मामले को टाल रहे है। उन्होंने चेतावनी दी कि कालोनीवासी कभी भी इस मुद्दे को लेकर सडक़ पर उतर सकते हैं।उपजिलाधिकारी डा. रीना सिंह ने बताया कि उन्हें कालोनीवासियों की समस्याओं से जुड़ा पत्र मिला है। उन्होंने इस बाबत प्रबंधकों को नोटिस जारी कर 19 मई को तहसील मुख्यालय पर त्रिपक्षीय वार्ता बुलाई है। जिसमें अपर श्रमायुक्त, बैंक प्रतिनिधि प्रबंधक व श्रमिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। प्रदर्शन में शामिल रहे लोगों में मूलचंद, रामलखन, रविंद्र, कुलदीप, बृजलाल, महिपाल सिंह, सुखपाल, सुभाष शर्मा आदि थे।

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