धरती के पास से गुज़रा विशालकाय एस्टरॉयड

धरती पर जीवन तबाह करने में सक्षम लगभग 2.7 किलोमीटर चौड़ा एक क्लिक करें एस्टरॉयड शुक्रवार की रात धरती के पास से गुज़रा.1998 क्यूई2 नाम का ये ऐस्टरॉयड इतना बड़ा था कि इसका खुद का चंद्रमा था.ये एस्टरॉयड या क्षुद्रग्रह धरती के सबसे नज़दीक शुक्रवार रात भारतीय समयनुसार 2:30 बजे आया.

‘धरती सुरक्षित’

लेकिन वैज्ञानिकों का कहना था कि इसके धरती से टकराने की कोई संभावना नहीं थी.अपने सबसे नज़दीकी बिंदु पर भी ये धरती से लगभग 58 लाख किलोमीटर की सुरक्षित दूरी पर था जो कि धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी से लगभग 15 गुना ज़्यादा है.1998 क्यूई2 की धरती से ये दूरी इस साल फ़रवरी में धरती के पास से गुज़रे एक अन्य एस्टरॉयड की क्लिक करें दूरी से दो सौ गुना ज़्यादा थी. लेकिन शुक्रवार वाला एस्टरॉयड उस एस्टरॉयड से 50,000 गुना ज़्यादा बड़ा है.बेलफास्ट के क्वींस विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री प्रोफ़ेसर ऐलन फिटज़सिमंस का कहना था, “ये एक बड़ी ग्रहिका है. और इस तरह के बहुत ही कम पिंडों के बारे में जानकारी है धरती के करीब अंतरिक्ष में शायद इतने बड़े या इससे बड़े लगभग 600 खगोलीय पिंड ही हैं.”उन्होंने ये भी कहा, “ख़ास बात ये है कि अगर इस आकार का कोई पिंड भविष्य में धरती से टकराता है तो बहुत मुमकिन है कि इससे वैश्विक पर्यावरण संबंधी तबाही होगी. इसलिए इन्हें समझने की कोशिश ज़रूरी है.”

खुद का चंद्रमा

शुक्रवार रात की घटना से खगोलशास्त्रियों को इस चट्टान के बारे में ज़्यादा विस्तार से जांच करने का मौका मिला.डीप स्पेस नेटवर्क द्वारा 29 मई को खींची गई इन तस्वीरों में एस्टरॉयड और उसका चंद्रमा(सफ़ेद बिंदु) देखी जा सकते हैं.उन्होंने इसकी हाई रेज़ोल्यूशन छवियाँ रडार टेलिस्कोप से उतारीं. अब वैज्ञानिक जानना चाहते हैं कि ये एस्टरॉयड किन तत्वों से बना है और ये सौर मंडल में कहां से आया है.क्लिक करें 1998 क्यूई2 के शुरुआती विश्लेषण से पता लग चुका है कि इस एस्टरॉयड का अपना खुद का चंद्रमा है क्योंकि लगभग 600 मीटर चौड़ी एक छोटी सी चट्टान इसकी परिक्रमा करती है.हालांकि इस खगोलीय घटना को सीधे तौर पर आंखों से नहीं देखा जा सकता था लेकिन माना जा रहा था कि अंतरिक्षप्रेमी शायद इसे एक टेलिस्कोप की मदद से देख पाएंगे.इसके बाद 1998 क्यूई2 वापस सुदूर अंतरिक्ष में लीन हो जाएगा. अब ये कम से कम दो सदी बाद ही धरती के इतने नज़दीक से गुज़रेगा.अंतरिक्ष में संभावित खतरों के बारे में शोधकर्ताओं की दिलचस्पी बढ़ रही है. अब तक धरती के क़रीबी अंतरिक्ष में नौ हज़ार से ज़्यादा एस्टरॉयडों गिने जा चुके हैं और हर वर्ष औसतन 800 नई अंतरिक्ष चट्टानों की खोज होती है.

-साभार(बीबीसी)

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