देश एक है नाम तीन हैं, ऐसा हिन्दुस्ताान!
अपना देश महान भैया, भारत देश महान !!
सर के ऊपर हिमालय, जिसकी शान निराली है।
पॉव पखारे पानी सागर, करता नित रखवाली है।।
पूरब में कलकत्ते वाली, खप्पर वाली काली है।
पश्चिम में ऊपर वाले ने रेत की चादर डाली है।।
भारत जिसका नाम इंडिया, सोने की है खान !
देश में कई प्रदेश बसे हैं, बहु-बोली बहु-भाषा है।
झंडा ऊंचा रहे हिन्द का, लोगों की अभिलाषा है।।
गंगा जमुना के संगम सी, सबकी धरम पिपासा हैं।
ईद-दिवाली के आने की, सबके मन जिज्ञासा हैं।।
पोंगल, बैसाखी,क्रिसमस की, सबको है पहचान!
मौसम रंग दिखाता जैसे, नेता दिखाते हैं।
जनता के सौदागर देखो, पैसों पर बिक जाते हंै।।
देश बचाने और डुबाने-के ये पैसे खाते हैं।
कुर्सी की खातिर लड़-मरते, कुर्सी पा इतराते हैं।।
सब नेता हैं सरीखे, कुर्सी जिनकी जान!
भौतिकवादी चकाचौंध, में पैसे की सब माया है।
बिन पैसे के यारो कोई, काम नहीं बन पाया है।।
फैशन और फिल्म ने देखो, ऐसा जाल बिछाया है।
चोली और चुम्मा पर सबका, प्यार उमड़कर आया है।
नहीं जरूरत गोली -बम की, मार गई मुसकान!

 

पापा करो नित और नहाओ, तारन गंगा मैया है।
दीन-धरम लाचार सभी हैं, दिखाता नहीं बचैया है।।
धन्य धरो जग-जननी तेरा्र, सोया भाग्य रचैया है।
भारत ऐसा देश है जिसकी, राम भरोसे नैया है।।
बेईमान- धनवान यहां पर, पाते हैं सम्मान !
फिर भी देश महान भैया, भारत देश महान !!

 

Comment: