हिंदुओं… अब भी वक्त है… सुधर जाओ… काबुल… दिल्ली से सिर्फ 990 किलोमीटर दूर है !

  • मानव इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ होगा जब काबुल एयरपोर्ट पर मुसलमान अपनी जान बचाने के लिए अमेरिका के विमानों के पंखों पर बैठ गए… मौ त का खौफ क्या होता है ? मौत का डर किसे कहते हैं….जब जान जाने का डर सताता है तो इंसान सुध बुध कैसे खो देता है… ज़रा सोचिए… अफगानी मुसलमान अमेरिका के विमानों के पहियों पर बैठ गए कि शायद किसी तरह अफगानिस्तान से बाहर निकलने का मौका मिल जाए और उनकी जान बच जाए । लेकिन जब अमेरिका का यही विमान कतर के एयरपोर्ट पर उतरा तो उस विमान के पहियों पर इंसानी लोथड़े फंसे हुए थे… किसी का मुंह… किसी का हाथ… किसी का दांत… किसी का पांव विमान के पुर्जों में अटके हुए थे । और ये तो कुछ भी नहीं है… कई लोग जो विमान पर लटके हुए थे… आसमान से गिरकर मर गए… ये तस्वीरें पूरी दुनिया में देखी गईं ।

  • आज हमारे देश का हिंदू पेट्रोल और तेल की कीमतों के लिए सरकार को गाली देता है… सरकार टैक्स का ये पैसा अपने ऊपर खर्च नहीं करती है सरकार इस पैसे से हथियार और गोला बारूद खरीदती है ताकी बॉर्डर सेफ रहे । लेकिन हिंदुओं को देश की सुरक्षा की कीमत का कुछ पता नहीं है । उसके लिए काबुल से आ रही तस्वीरें भी दैनिक मनोरंजन भर हैं ।

  • सोचिए जब तालिबान का हमला हुआ… संकट की स्थिति पैदा हुई तो सबसे पहले तो अफगानिस्तान के राष्ट्रपति और उसके सरकारी अधिकारी ही काबुल छोड़कर भाग गए । अब जिन लोगों ने अफगानिस्तान में बड़ी बड़ी गाड़ियां खरीद रखीं थीं । उन लोगों ने अपनी गाड़ियों को सड़क पर ही छोड़ दिया कि ले जाओ हमे इसकी कोई जरूरत नहीं है । लोगों ने अपने बीवी बच्चों को अपने घरों में ही छोड़ दिया… तालिबानियों को गिफ्ट कर दिया कि रेप कर लो…. और ये सारे लोग काबुल एयरपोर्ट की तरफ भाग चले कि किसी तरह जान बच जाए । जब संकट आता है तो अपना साया भी साथ छोड़ देता है । यहां तो मोदी है जो अपने ऊपर सब झेल रहा है यहां डोवल है जिसका दिमाग दिन रात चलता रहता है कि तुम सब चैन की नींद सो सको । लेकिन सबक लो… काबुल में जो हो रहा है… उससे ये समझना चाहिए कि देश से बड़ा कुछ नहीं होता है… हमेशा उसे ही वोट दो जिसके लिए राष्ट्र की सुरक्षा प्रथम हो ।

  • अब तालिबान हमारे सिर के ऊपर बैठ चुका है । याद रखें कि जम्मू कश्मीर से अफगानिस्तान की सीमा मिलती है । और भारत के हर शहर में…. हर गांव कस्बे में पहले से तालिबानी सोच वाले लोग मौजूद हैं । हजारों की संख्या में देश में देवबंदी मदरसे चल रहे हैं । इन्हीं देवबंदी मदरसों में तालिबान को ट्रेनिंग मिलती है । मुनव्वर राणा का बयान सबने सुन ही लिया । तालिबान के पैरोकार भारतीय मुल्लों के बयान सबने देख ही लिए । सोचो हर गली में तालिबानी बैठा है… अंजाम-ए-हिंदुस्तान क्या होगा ?

  • इसलिए हिंदुओं इतने स्वार्थी मत बनो कि अपने बच्चों के भविष्य को भी भूल जाओ… अगर तुम अपने बच्चों को हिंदुस्तान में फलता फूलता देखना चाहते हो तो सब बोलो… इस्लाम की कट्टरता का विरोध करो… हर तरह से खुद तैयार हो… अपने बच्चों को तैयार करो… ये काबुल तुम्हारे दिल्ली में भी आएगा… याद रखना… मेरी बात… अगर नहीं सुधरे तो जो काबुल में देख रहे हो… उससे भी बहुत बुरा तुम अपने घरों के आसपास देखोगे । इसलिए हमेशा याद रखना राष्ट्र की सुरक्षा से कीमती कुछ नहीं होता है… उसके लिए बलिदान देना होता है और तुम पेट्रोल और सरसों के तेल की कीमतों के लिए रो रहे हो ।

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