अपने अंदर के मनुवाद को मारेंगे तो मनुवाद स्वत: मर जाएगा, लेकिन

खुद के अंदर मनुवाद ज़िंदा है  तो सारे देश में मनुवाद नजर आएगा!!

डॉ0 पुरूषोत्‍तम मीणा निरंकुश

मुझे नहीं पता कि अनार्य-मनुवादी मित्रों को आर्यों के अमानवीय मनुवाद का अनुसरण करने से क्या-क्या पारितोषिक, उपहार, सम्मान या साम्राज्य मिला हुआ है या मिलता है? क्या उनका लक्ष्य है? संभवत: हमारे अनार्य मनुवादी मित्र लक्ष्य विहीन हैं! लेकिन यह एक व्यावहारिक और कड़वा सच है कि मनुवाद को बढ़ावा देना सीधे-सीधे देश की 90 फीसदी अनार्य आबादी की बर्बादी और गुलामी का मूल कारण है! मनुवाद का पोषण विदेशी आर्यों को ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने के समान है! सर्वविदित है कि मनुवाद सामन्तशाही और व्यापारिक कार्पोरेट शक्तियों को मजबूती प्रदान करता है! मनुवाद अवैज्ञानिक बातों और अन्धविश्वासों को पुख्ता करता है! सारा देश जानता है कि मनुवादी हजारों सालों से वंचित वर्गों को मिले संवैधानिक आरक्षण को समाप्त करना चाहते है! मनुवादी सत्ता और व्यवस्था में अनार्यों को तनिक भी हिस्सेदारी देने के सख्त खिलाफ हैं! ऐसे में किसी और को नहीं, बल्कि निर्णय हम सब अनार्यों को खुद ही करना है कि हमें मनुवादी संस्कारों के साथ प्रतिपल मर-मर कर जीवित रहने को विवश करने वाली हीन भावना उत्पादक रुग्ण ग्रंथियों का आनन्द लेना है या अपने स्वाभिमान और सम्मान के साथ अपने प्राकृतिक अधिकारों को आर्यों की कैद से मुक्त करवाकर और किसी भी सूरत में उनको हासिल करके ज़िंदा कौमों की भांति जीवन जीना है?

कुछ लोग कहेंगे धर्माधीश, सत्ताशीश और धनकुबेर बन चुके आर्यों के शिकंजे से मुक्ति असम्भव है! ऐसे मित्रों से मैं कहना चाहूँगा कि इजराइल को मुक्त करवाने के लिए यहूदियों ने जब अपने संघर्ष की शुरूआत की थी, तो उनसे भी लोग यही कहा करते थे, लोग उनका मजाक उड़ाया करते हैं, लेकिन संसार के नक्शे पर आज यहूदियों का स्वतंत्र राष्ट्र है-“इजराइल”! जो उनके लम्बे संघर्ष और बलिदानों का सुखद परिणाम है! आज इजराइल के सामने अमेरिका भी कांपता है! क्या भारत के मूल निवासियों को अपने भारत देश पर अपना मौलिक अधिकार नहीं मिलना चाहिए? मेरा मानना है-हमारा देश हमें जरूर हासिल होगा, भारत हमें जरूर मिलेगा! अवश्य एक दिन भारत हमारा अपना होगा! भारत आर्यमुक्त होगा, लेकिन मनुवाद से मुक्ति आर्यमुक्त भारत हासिल करने की पहली शुरूआत है!

इस लक्ष्य को पाने की शुरूआत हमें आपने आप से करनी होगी! हम अपने अंदर के मनुवाद को मारेंगे तो सारे देश और समाज से मनुवाद मर जाएगा! लेकिन यदि खुद के अंदर मनुवाद ज़िंदा है तो सारे देश में मनुवाद नजर आएगा! वास्तव में तो मनुवाद हमारी मन:स्थिति और मनोदशा के सिवा और कुछ भी नहीं है! आर्यों की अवैज्ञानिक मनुवादी व्यवस्था का अंधानुकरण और अनुसरण आर्यों की गुलामी है, जो हजारों सालों से मनुवाद के ज़िंदा रहने का असल कारण है!-

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